सर्वाइकल से राहत पाने के उपाय और घरेलू उपचार
सर्वाइकल पेन, जिसे गर्दन का दर्द भी कहा जाता है, आजकल बहुत आम समस्या हो गई है। यह दर्द मुख्य रूप से गर्दन के ऊपरी हिस्से और रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में होता है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस एक ऐसी स्थिति है जो उम्र बढ़ने या अधिक समय तक गलत मुद्रा में बैठने के कारण हो सकती है। इसमें गर्दन में अकड़न, दर्द, और कभी-कभी चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, सर्वाइकल दर्द को मैनेज करने और इससे राहत पाने के लिए कुछ आसान उपाय और घरेलू उपचार अपनाए जा सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि सर्वाइकल दर्द क्या है, इसके कारण, लक्षण, और इससे राहत पाने के लिए कौन-कौन से प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं।
सर्वाइकल क्या है?
सर्वाइकल दर्द रीढ़ की हड्डी के उस हिस्से से संबंधित होता है जो गर्दन के क्षेत्र में होता है। इसे मेडिकल भाषा में सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस कहा जाता है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस मुख्य रूप से उम्र बढ़ने के साथ होता है, लेकिन आजकल यह समस्या युवाओं में भी बहुत देखी जा रही है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते हैं। यह स्थिति गर्दन की हड्डियों, डिस्क, और आसपास की मांसपेशियों पर दबाव के कारण होती है, जिससे दर्द और अकड़न होती है।
सर्वाइकल के कारण
सर्वाइकल दर्द के कई कारण हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
गलत बैठने की मुद्रा: लंबे समय तक गलत तरीके से बैठने या खड़े होने से सर्वाइकल की समस्या हो सकती है। कंप्यूटर के सामने झुककर बैठना, सिर झुकाकर मोबाइल का इस्तेमाल करना या काम करते समय बार-बार गर्दन का झुकाव सर्वाइकल पेन का प्रमुख कारण बनता है।
उम्र बढ़ने: उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की हड्डी और उसके आसपास के टिश्यू में बदलाव आने लगते हैं, जिससे सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
दुर्घटना या चोट: गर्दन में चोट लगने के कारण हड्डियों में टूट-फूट या डिस्क में समस्या हो सकती है, जो सर्वाइकल दर्द का कारण बनती है।
तनाव: मानसिक तनाव भी गर्दन की मांसपेशियों को प्रभावित करता है, जिससे अकड़न और दर्द हो सकता है।
अधिक वजन उठाना: अत्यधिक वजन उठाने या गर्दन पर अधिक दबाव डालने से भी सर्वाइकल की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
सर्वाइकल के लक्षण :-
सर्वाइकल दर्द के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, और यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
गर्दन में दर्द: गर्दन के पीछे या आसपास दर्द महसूस होना, विशेष रूप से सिर हिलाने या गर्दन घुमाने पर दर्द बढ़ जाता है।
अकड़न: गर्दन के मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना, जिससे गर्दन को हिलाने में कठिनाई हो सकती है।
सिर दर्द: अक्सर सर्वाइकल दर्द से सिर में भी दर्द हो सकता है, जिसे सर्वाइकल सिरदर्द कहा जाता है। यह सिर के पीछे के हिस्से से शुरू होकर माथे तक जा सकता है।
हाथों में झुनझुनी: कभी-कभी सर्वाइकल के कारण हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस हो सकता है।
चक्कर आना: कुछ मामलों में सर्वाइकल के कारण चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है, खासकर तब जब गर्दन की नसों पर दबाव बढ़ जाता है।
सर्वाइकल से राहत पाने के उपाय
सर्वाइकल पेन को कम करने और इससे राहत पाने के लिए कुछ प्रभावी उपाय और दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ प्रमुख सुझाव दिए गए हैं:
1. सही मुद्रा का पालन करें
गलत मुद्रा से सर्वाइकल दर्द बढ़ सकता है, इसलिए सही तरीके से बैठना और खड़े होना बहुत जरूरी है। कंप्यूटर पर काम करते समय या फोन का उपयोग करते समय अपनी गर्दन और पीठ को सीधा रखें।
कंप्यूटर स्क्रीन को आँखों की सीध में रखें: अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी स्क्रीन आपकी आँखों की सीध में हो। इससे गर्दन पर झुकाव का दबाव कम होगा।
सिर को सीधा रखें: मोबाइल फोन या किताब पढ़ते समय गर्दन को ज्यादा न झुकाएं। फोन को आँखों के सामने लाने का प्रयास करें, ताकि गर्दन पर कम दबाव पड़े।
2. गर्म और ठंडी सिकाई
सर्वाइकल दर्द से राहत पाने के लिए गर्म और ठंडी सिकाई एक प्रभावी तरीका है। गर्म सिकाई से मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त प्रवाह बढ़ता है, जबकि ठंडी सिकाई सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है।
गर्म सिकाई: गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड का उपयोग करके 15-20 मिनट तक गर्दन पर सिकाई करें। इससे दर्द में आराम मिलेगा।
ठंडी सिकाई: आइस पैक का उपयोग करके 10-15 मिनट तक ठंडी सिकाई करें। इससे सूजन और अकड़न कम होगी।
3. गर्दन के व्यायाम
नियमित गर्दन के व्यायाम करने से गर्दन की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और लचीलापन बढ़ता है। यहाँ कुछ सरल और प्रभावी व्यायाम दिए गए हैं:
गर्दन घुमाना: अपनी गर्दन को धीरे-धीरे दाएँ और बाएँ घुमाएं। इस व्यायाम को 10-12 बार करें।
गर्दन की स्ट्रेचिंग: गर्दन को आगे-पीछे और दाएँ-बाएँ झुकाकर स्ट्रेच करें। यह मांसपेशियों में जकड़न को कम करता है।
शोल्डर श्रग्स: अपने कंधों को कानों की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लाएं। इसे 10-12 बार दोहराएं।
4. तनाव को नियंत्रित करें
सर्वाइकल दर्द का एक प्रमुख कारण तनाव भी हो सकता है। तनाव से मांसपेशियों में जकड़न आती है, जिससे दर्द बढ़ सकता है। ध्यान (मेडिटेशन), योग और गहरी साँस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
मेडिटेशन: प्रतिदिन 10-15 मिनट का मेडिटेशन करके मानसिक शांति पाएं और तनाव कम करें।
योग: योग के माध्यम से शरीर को रिलैक्स करें और मांसपेशियों की लचीलापन बढ़ाएं।
5. संतुलित आहार और हाइड्रेशन
सर्वाइकल पेन से निपटने के लिए सही पोषण और हाइड्रेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक स्वस्थ आहार जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में हों, हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखता है।
कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन: डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम, और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।
पानी पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जिससे मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है।
6. सही तकिया और गद्दे का चुनाव
आपका तकिया और गद्दा भी सर्वाइकल दर्द में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आपका तकिया या गद्दा सही नहीं है, तो गर्दन और रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
मजबूत और सपोर्टिव तकिया: गर्दन को सही सपोर्ट देने वाला तकिया चुनें। आपकी गर्दन और सिर तकिए पर आरामदायक स्थिति में होने चाहिए, ताकि रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
आरामदायक गद्दा: बहुत ज्यादा सख्त या बहुत नरम गद्दे से परहेज करें। एक मध्यम सख्त गद्दा आपकी रीढ़ को सही सपोर्ट देता है।
सर्वाइकल के घरेलू उपचार
सर्वाइकल दर्द को कम करने के लिए कई घरेलू उपाय भी अपनाए जा सकते हैं। ये उपाय प्राकृतिक होते हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत प्रदान करते हैं:
1. अदरक की चाय
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। अदरक की चाय पीने से सर्वाइकल दर्द में आराम मिलता है।
कैसे बनाएं: एक कप पानी में अदरक के टुकड़े डालकर उबालें। इसमें शहद और नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। यह दिन में 2-3 बार पीने से लाभ होगा।
2. हल्दी दूध
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। हल्दी दूध पीने से सर्वाइकल दर्द में राहत मिलती है।
कैसे बनाएं: एक गिलास गर्म दूध में 1/2 चम्मच हल्दी मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।
3. लहसुन का सेवन
लहसुन भी सूजन कम करने में मदद करता है और सर्वाइकल दर्द से राहत दिलाता है।
कैसे खाएं: सुबह खाली पेट 1-2 लहसुन की कलियों को चबाकर खाएं। आप इसे हल्का गर्म पानी के साथ भी ले सकते हैं।
4. तिल का तेल मालिश
तिल का तेल गर्दन की मांसपेशियों को आराम देता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे सर्वाइकल दर्द में आराम मिलता है।
कैसे करें: तिल के तेल को हल्का गर्म करके गर्दन पर मालिश करें। मालिश के बाद गर्म पानी से स्नान करें।
निष्कर्ष
सर्वाइकल दर्द एक सामान्य लेकिन असुविधाजनक समस्या हो सकती है। लेकिन सही दिनचर्या, व्यायाम, और घरेलू उपचार से इसे कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम, सही आहार, और सही जीवनशैली अपनाकर आप सर्वाइकल दर्द से राहत पा सकते हैं और अपनी गर्दन को स्वस्थ रख सकते हैं। घरेलू उपचारों को आजमाकर आप बिना किसी साइड इफेक्ट के सर्वाइकल से निपट सकते हैं।
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